शहीदों की राह पर चल पड़ा शासन? नहीं छपा श्रद्धांजलि का सरकारी विज्ञापन।

छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से नहीं छपा श्रद्धांजलि का विज्ञापन

छत्तीसगढ़ के 2 सबसे बड़े हिंदी अखबारों में आज 23 मार्च को शहीद राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सरकार की ओर से कोई विज्ञापन नहीं छपा है। हो सकता है कि अब सरकार शहीदों के रास्ते पर चलने लगी है और जनता का पैसा विज्ञापनों पर खर्च नहीं करेगी। एक अखबार में पहले पृष्ट पर सबसे ऊपर एक ओर तीनों शहीदों की फोटो के साथ लिखा है शहादत दिवस आज और दूसरी ओर भगत सिंह का एक विचार लिखा है।


अखबारों से शहीदों के विचार भी गायब

अभी तक तो शहादत दिवस पर शहीदों के विचार तकरीबन हर अखबार में छपते थे। कुछ अखबारों में शहीदों की जिंदगी और उनकी विचारधारा पर विश्लेषकों द्वारा भी लेख लिखे जाते थे। क्या नए भारत और नवा छत्तीसगढ़ में शहीदों के विचारों को नई पीढ़ी तक नहीं पहुंचाया जाना चाहिए? क्या भारत अब उस स्थिति तक पहुंच गया है जहां सरकारें और अखबारों का एकमात्र लक्ष्य भारत में विश्व बैंक की नीतियों को लागू करना और नीतियों को लागू करने के लिए माहौल बनाना ही रह गया है? क्या भारत के इतिहास और शहीदों की कुर्बानियों पर अब कोई बात नहीं होगी?



यूट्यूब पर देखें शहीदों पर बनी कुछ विडियो:









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